दसलक्षण पर्व का दूसरा दिन है उत्तम मार्दव दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन को उत्तम मार्दव के रूप में मनाया जाता है। यह व्यक्ति के अभिमान को दूर करके उसे व्यवहार में मृदुता लाने के लिए प्रेरित करता है। कई बार व्यक्ति धन, दौलत व पद पाकर अहंकारी और अभिमानी बन जाता है। वह खुद को सर्वोपरि व दूसरों को छोटा समझता है। लेकिन वास्तव में यह सभी चीजें नश्वर हैं और एक दिन आप इन चीजों से दूर हो जाएंगे। ऐसे में इन नश्वर चीजों के पीछे भागने या फिर उनका अहंकार करने के स्थान पर हर किसी से विनम्र भाव से पेश आएं और सब जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें। ©AARPANN JAIIN #jainism #jainfestival #Life #Life_experience nayan संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु