जो भोले है भण्डारी आदी शक्ति जिनमें समाई। तीनों लोक के स्वामी, अंनत है रूप उनके। हाथ मे डमरू, त्रिसूल धारी, गले मे जिनके सर्प विराजे। बालों में उनके गंगा समायी चांद भी उनके केशवो में विराजे, ग़ुस्से में ट्री नेत्र खोलते अपना, रूप प्रचण्ड महान उनका। देवो में सबसे भोले स्वामी कहलाते तभी भोलेनाथ स्वामी। जो करता सच्चे मन से ध्यान इनका शिव शंकर करते नोका पार उनकी। सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है । आज का शीर्षक है : #शिवशंकर