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उन पुरानी धूंधली यादों की, कुछ बात याद हैं मुझे, स

उन पुरानी धूंधली यादों की,
कुछ बात याद हैं मुझे,
सब कुछ तो नहीं बता सकता,
पर एक तस्वीर पास हैं मेरे,

मौसम की गर्माहट में बहुत बेचैनी थी,
उसके होठों पर ठंडक सी कोई बर्फ़ ज़मीं थी,
मैं चूमता उसके लबों को किस क़दर,
पार्क में हर तरफ़ इश्क़बाजों की ही नुमाईश थी,

मैं भुला देता खुद को शायद कहीं,
पर उसके हाथों को अब भी,
मेरे हाथों की फ़रमाइश थी,
हम दोनों को शायद एक-दूसरे की ही ख्वाईश थी,

यूं हाथों में हाथ लिए हम वक्त गुज़ार देते थे,
हर लम्हा कम पड़ता था,
हम कुछ इस क़दर बात बनाया करते थे,
शायद कुछ भूल गया हूं, पर सब कैद हैं ज़हन में मेरे,
उसके गोद में सोया था,बाद ये एक तस्वीर पास है मेरे। उन पुरानी धूंधली यादों की,
कुछ बात याद हैं मुझे,
सब कुछ तो नहीं बता सकता,
पर एक तस्वीर पास हैं मेरे,

मौसम की गर्माहट में बहुत बेचैनी थी,
उसके होठों पर ठंडक सी कोई बर्फ़ ज़मीं थी,
मैं चूमता उसके लबों को किस क़दर,
उन पुरानी धूंधली यादों की,
कुछ बात याद हैं मुझे,
सब कुछ तो नहीं बता सकता,
पर एक तस्वीर पास हैं मेरे,

मौसम की गर्माहट में बहुत बेचैनी थी,
उसके होठों पर ठंडक सी कोई बर्फ़ ज़मीं थी,
मैं चूमता उसके लबों को किस क़दर,
पार्क में हर तरफ़ इश्क़बाजों की ही नुमाईश थी,

मैं भुला देता खुद को शायद कहीं,
पर उसके हाथों को अब भी,
मेरे हाथों की फ़रमाइश थी,
हम दोनों को शायद एक-दूसरे की ही ख्वाईश थी,

यूं हाथों में हाथ लिए हम वक्त गुज़ार देते थे,
हर लम्हा कम पड़ता था,
हम कुछ इस क़दर बात बनाया करते थे,
शायद कुछ भूल गया हूं, पर सब कैद हैं ज़हन में मेरे,
उसके गोद में सोया था,बाद ये एक तस्वीर पास है मेरे। उन पुरानी धूंधली यादों की,
कुछ बात याद हैं मुझे,
सब कुछ तो नहीं बता सकता,
पर एक तस्वीर पास हैं मेरे,

मौसम की गर्माहट में बहुत बेचैनी थी,
उसके होठों पर ठंडक सी कोई बर्फ़ ज़मीं थी,
मैं चूमता उसके लबों को किस क़दर,
alexakash4915

alex akash

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उन पुरानी धूंधली यादों की, कुछ बात याद हैं मुझे, सब कुछ तो नहीं बता सकता, पर एक तस्वीर पास हैं मेरे, मौसम की गर्माहट में बहुत बेचैनी थी, उसके होठों पर ठंडक सी कोई बर्फ़ ज़मीं थी, मैं चूमता उसके लबों को किस क़दर, #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #Alex #एकतस्वीर #jnvsupaul #alexcollection