मेरा खिलता गुलाब जल गया मेरा सपना जो कागज मे था वो गल गया, ना जाने क्यूं आंधि आयी मै बह गया मेरा जनजीवन सारा सिमत गया.. हे प्रभु !क्या हो गया..! मेरा खिलता गुलाब जल गया..! मेरि नैया बीच मझधार मे दूब गयी, मेरी खुशिया ना जाने कहां चली गयी, सपने थे जो पाले मैने कही राह मे छूट गये..! कभी तो अन्धकार हटेगा दोबारा कभी तो गुलाब खिलेगा दोबारा, सपने वही लिखुंगा दोबारा फिर से कोसिस करुंगा दोबारा..!! ©Shreehari Adhikari369 #खिलता गुलाब जल गया #Rose