चुपके से कोई जुगनू मेरी खिड़की पर आ जाए तो लगता है कि तुम हो बहती बेशर्म हवा जब गालों को छू जाए तो लगता है कि तुम हो किसी टहनी में बेमन सा दुपट्टा फँस जाए तो लगता है कि तुम हो बारिश की बूँदें जब बदन पर पड़ जाए तो लगता है कि तुम हो भीनी सी धूप बालों को चमकाए तो लगता है कि तुम हो गालों पर कुछ सोच कर जब लाली आ जाए तो लगता है कि तुम हो मेरे होने से लगता है कि तुम हो ©अgni #touch #आधी_रात_का_ख़याल #तुम_हो #अग्नि