कभी काँटों में चलना पड़ता है पश्ताप की आग में जलना पड़ता है बेशक कर लो तुम पत्थर खुद को किसी के आगे तुम्हें भी पिघलना पड़ता है नहीं पड़ता फर्क गर तुम ब्राह्मण हो या असुर या दोनों सीमा लाँघने पर तो रावण को भी मरना पड़ता है ये दुनिया नहीं बख्शती यहाँ किसी को भी यहाँ सीता को भी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है कोई नहीं देता साथ यहाँ किसी का भी खुद के भरोसे भवसागर को तरना पड़ता है तुम क्या देते हो अपने प्रेम की दुहाई किसी को राधा कृष्णा को भी यहाँ मिल कर बिछड़ना पड़ता है #Hindi #kavishala #Nojoto #nojotohindi #poem #Truth #katusatya #Good #shabdanchal #citysunset