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सूखा......... ऋतुए बदलती है कभी हरियाली कभी सूखा क

सूखा.........
ऋतुए बदलती है कभी हरियाली कभी सूखा
कभी सुख कभी दुख, कभी दया कभी अत्याचार
कभी जन्म कभी मृत्यु, कभी मधुरता कभी कड़वाहट
कभी पास कभी दूर,,,,,, जीवन के रंग भी मौसम जैसे
बदलते है, पाप पुन्य, का खेल लोग खेलते है कभी सच्चाई जीत जाते है तो कभी बुराई और जुल्म करने
वाला छूट जाता है पैसो के दम से, सिर्फ चीजे ही नहीं market मे बिकती है ईमान इज्जत आबरु भी नीलम होती है मज़बूरी या लालच इंसान को अंधा कर देती है
ये मृग तृष्णा ले डूबती है उसे जो नहीं जनता कि क्या सही है और क्या गलत, पाप का घड़ा अब भर चुका अब कुछ नहीं हो सकता time सोचने का भी मिकल गया, सूख गया इंसान का हलक जब last time अपनी सांसे
गिन रहा पर अब मोहलत नहीं मिलेगी its over

©Puja Udeshi
  #Sukha #सूखा #pujaudeshi  Dikesh Kanani (Vvipdikesh) Sethi Ji SIDDHARTH.SHENDE.sid Mili Saha Anil Ray  प्रशांत की डायरी -hardik Mahajan Aditya kumar prasad Ashutosh Mishra Nikita Garg  R K Mishra " सूर्य " shashi kala mahto Ashutosh Mishra Lalit Saxena AviS