मुलाकात क्या तुम्हें याद है वो पहली मुलाकात जब हम अनजान थे पर थे साथ साथ वो तुम्हारा यूं मुस्कराना याद है शरमा कर नीचे जाना भी याद है मन मे घबराहट तो थी फिर भी छत पर मिलने आना याद है सोच रही थी दिल ही दिल में कैसे करेंगे बात क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात -- 1 कुछ घबराई सी कुछ सकुचाई सी जब तुम पास आयीं अकुलाई सी पहली बार छुअन के बाद तुम सहमी सी शरमाई सी दिल की धड़कन बेकाबू थी पहले पहले चुंबन के बाद क्या तुम्हें याद है वो पहली मुलाकात --2 वो पहली बार सिनेमा जाना मन ही मन सकुचाना शर्माना सोच से भी परे वह फिल्मी रोमांस ख्वाबों की दुनिया मे खोना जाना वो अतरंगी तन और मन की बात क्या तुम्हें याद है वो पहली मुलाकात---3 वो चुपके चुपके से सैर पर जाना सरपट सड़को पर दूर तक जाना वो मन्दिर जाना और ढाबे का खाना जब अपने हाथों से थामा था तुमने मेरा हाथ क्या तुम्हें याद है वो पहली मुलाकात -4 कवि देवानंद नायक "देव" 9713989417 © Devanand Nayak #viralkavita #latestpoetry #love❤ #love4life #intimacy