दिन एक और बीत गया.. खुशियां रंग बिखेरे थीं.. अपने ना सही अपनो के चेहरों पर तो रंगत थी... आज खुशी की एक और बेला है.. नव सूरज उदिप्त होगा.. जीवन सबका प्रफुल्लित होगा.. ऐसा नया सवेरा होगा... ग्रहण तो घटना है.. इससे क्या लेना देना है.. जो लिखा विधि ने है वह तो होकर रहना है... सुप्रभात... सुप्रभात सभी मित्रों को