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ऐ ज़ाहिद रस्ता छोड़ मेरा, ईमां की तिजारत रहने दे,

ऐ ज़ाहिद रस्ता छोड़ मेरा, ईमां की तिजारत रहने दे,
उस राह पे जाने दे मुझको जिस सम्त सनम बेगाना हो.. तेरी तसव्वुर में मैं कुछ ऐसे डूबा हूं,
जैसे मेरे चारों सम्त बस तू ही तू हो !!
✒ Aamir Shaikh 

कोलाब करें इस "सम्त" लफ्ज़ से जिसका अर्थ होता है "दिशा की ओर" (direction/ path) !! 

और इस लफ्ज़ से अपना ख़्याल पेश करें !!
फॉलो करें हमारी प्रोफाइल को Urdu_Hindi Poetry
ऐ ज़ाहिद रस्ता छोड़ मेरा, ईमां की तिजारत रहने दे,
उस राह पे जाने दे मुझको जिस सम्त सनम बेगाना हो.. तेरी तसव्वुर में मैं कुछ ऐसे डूबा हूं,
जैसे मेरे चारों सम्त बस तू ही तू हो !!
✒ Aamir Shaikh 

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