ज़िन्दगी की उलझन में जाने क्या गंवा बैठे, जुस्तजू में हम उसकी ख़ुद को ही भुला बैठे। बादलों के हिस्से में तिश्निगी समंदर की, दर्द सब ज़माने के दिल में मेरे आ बैठे। आसमां पे जाकर हम ख़ाक बस उठा लाए, चांद पर पहुंचना था पंख ही जला बैठे । इस जहान-फ़ानी में बंदगी भी मुश्किल है, हर तरफ़ हैं बुत बातिल, हर तरफ़ ख़ुदा बैठे। #yqaliem #justuju #zindgi #tishnagi बुत - Idols, statue बातिल - Falsehood जहांने-फ़ानी - mortal world