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यह वक़्त कितना हसीं है जब मैं उसके बारे में कु

    यह वक़्त कितना हसीं है जब मैं उसके
बारे में कुछ लिखना चाहता हूँ। जिसने मेरी
कलम को स्याही दी है। आज उस प्यारी सी
शख्सियत का जन्मदिन है। वैसे तो उनकी
ख़ुद की कलम की तासीर सबसे जुदा है।
वह बहुत संजीदा लिखती हैं। बिल्कुल अपने
दिल की तरह। अपने परिवेश और समाज के
साथ पूरी दुनिया से संप्रक्त। महिलाओं और
बच्चों का दर्द बहुत शिद्दत से महसूस करती हैं।
इनके प्रति मन में एक सहज आत्मीयता का
सौंदर्य बोध मन को सिक्त किये रहता है। वैसे
तो बहुत बात नहीं करती पर जब मन मिल
जाए तो हृदय खोल के रख देती हैं। भीतर और
बाहर से एक सी। मित्रता करना ही नहीं निभाना
भी इन्हीं से सीखा है मैंने। व्यक्तित्व की निष्छलता
और सहज स्नेह की निर्झरिणी से निनादित लड़की
को दुनिया डॉ० कुमकुम शुक्ला कहती है।
पर मेरा काम मात्र 'कुम' से ही चल जाता है।

क्या परखें तुम्हें मुझे झूठे का भी यकीं है। 
कभी गौर से देखना, तुम में भी हमीं हैं।  Dedicating a #testimonial to Kumkum Shukla #paidstory #anam #9sept #happybirthday #freindship #care
    यह वक़्त कितना हसीं है जब मैं उसके
बारे में कुछ लिखना चाहता हूँ। जिसने मेरी
कलम को स्याही दी है। आज उस प्यारी सी
शख्सियत का जन्मदिन है। वैसे तो उनकी
ख़ुद की कलम की तासीर सबसे जुदा है।
वह बहुत संजीदा लिखती हैं। बिल्कुल अपने
दिल की तरह। अपने परिवेश और समाज के
साथ पूरी दुनिया से संप्रक्त। महिलाओं और
बच्चों का दर्द बहुत शिद्दत से महसूस करती हैं।
इनके प्रति मन में एक सहज आत्मीयता का
सौंदर्य बोध मन को सिक्त किये रहता है। वैसे
तो बहुत बात नहीं करती पर जब मन मिल
जाए तो हृदय खोल के रख देती हैं। भीतर और
बाहर से एक सी। मित्रता करना ही नहीं निभाना
भी इन्हीं से सीखा है मैंने। व्यक्तित्व की निष्छलता
और सहज स्नेह की निर्झरिणी से निनादित लड़की
को दुनिया डॉ० कुमकुम शुक्ला कहती है।
पर मेरा काम मात्र 'कुम' से ही चल जाता है।

क्या परखें तुम्हें मुझे झूठे का भी यकीं है। 
कभी गौर से देखना, तुम में भी हमीं हैं।  Dedicating a #testimonial to Kumkum Shukla #paidstory #anam #9sept #happybirthday #freindship #care