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हर रात से होने वाले सवेरे में सूरज की निकलती किरणो

हर रात से होने वाले सवेरे में
सूरज की निकलती किरणों में
गुनगुनी धूप में, मद्धम होते दिन में
सांझ के उजियारे में, रात के अंधियारे में
तुम ही तो थे
जिसने संभाले रखा मुझे, अपने प्यार से
वो तुम ही तो थे।

वो हर सवेरा मुझको याद है
जब हमारी बातों में
Good Morning, I Love You
शब्दों की शुरुआत होती है
तबीयत को लेकर तबीयत से
गुस्से की बरसात होती है
कुछ रात की बातों से भी
सवेरे का इस्तकबाल होता है
बातें कई हज़ार होती हैं
लेकिन सवेरे की बातों का
"Brush करने चलते हैं"
पर समापन होता है
इन सारी बातों में, यादों में, प्यार में
गुस्से में, शब्दों में, तबीयत में, सवेरे में,
तुम ही तो थे
तुम ही तो हो। #यादों #प्यार #गुस्से #शब्दों #तबीयत
#तुमहीतोथे #तुमहीतोहो

#YQDidi
Vaibhav Dev Singh
हर रात से होने वाले सवेरे में
सूरज की निकलती किरणों में
गुनगुनी धूप में, मद्धम होते दिन में
सांझ के उजियारे में, रात के अंधियारे में
तुम ही तो थे
जिसने संभाले रखा मुझे, अपने प्यार से
वो तुम ही तो थे।

वो हर सवेरा मुझको याद है
जब हमारी बातों में
Good Morning, I Love You
शब्दों की शुरुआत होती है
तबीयत को लेकर तबीयत से
गुस्से की बरसात होती है
कुछ रात की बातों से भी
सवेरे का इस्तकबाल होता है
बातें कई हज़ार होती हैं
लेकिन सवेरे की बातों का
"Brush करने चलते हैं"
पर समापन होता है
इन सारी बातों में, यादों में, प्यार में
गुस्से में, शब्दों में, तबीयत में, सवेरे में,
तुम ही तो थे
तुम ही तो हो। #यादों #प्यार #गुस्से #शब्दों #तबीयत
#तुमहीतोथे #तुमहीतोहो

#YQDidi
Vaibhav Dev Singh