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गमोकी आंधी ज़ब आये दिन उठती हो जीवन में और नहीं म

गमोकी आंधी ज़ब आये दिन  उठती हो जीवन में
और नहीं  मोल पाती हो राहत
तो  क्या करें हम?

अन्धो की बस्ती में  अंधेरा ही अंधेरा पसरा हुआ  है
सूरज की सवारी इधर से गुजर भी गई  जो तो हम क्या करें?

©Arora PR
  हम क्या करें
arorapr7519

Arora PR

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हम क्या करें #कविता

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