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योरकोट के सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक श

योरकोट के सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ💐💐💐
🌹🌹🌹 जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जहाँ भी हम किसी भी रूप में सक्रिय होते हैं,वहाँ हमारा विभिन्न व्यक्तियों से जाने-अनजाने,प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संबंध बनने लगता है और यह संबंध कई बार महज़ कार्य की औपचारिकता मात्र होता है या फिर औपचारिकता को पार कर अनौपचारिक भी होता है!दोस्ती या मित्रता एक ऐसा ही अनौपचारिक संबंध है जिसमें कोई दुराव-छिपाव नहीं होता!अक्सर जो बातें हम किसी से नहीं कह पाते वो मित्र से या दोस्त से सहज रूप में कह देते हैं!अब यह मित्र महिला है या पुरुष इससे मैत्री संबंध पर कोई असर नहीं पड़ता!
मित्रता की नींव आपसी विश्वास,आपसी समझ,तालमेल और सबसे बड़ी बात एक-दूसरे के मन को समझने के आधार पर टिकी है! 
जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते है,समस्याएँ आती हैं,विचारों का मतभेद भी उज़ागर होता है लेकिन मित्रता बाकी संबंधों की तुलना में एक ऐसा पवित्र बंधन है जो यथावत बना रहता है!नाराज़गी होती है तो दूर हो जाती है!विश्वास डगमगाता है कभी ग़लती से तो स्थिर भी ज़ल्दी हो जाता है!मन में दुविधा उत्पन्न होती है तो राह भी ज़ल्दी मिल जाती है!
वाकई मैत्री संबंध सर्वोपरि संबंध है जो नेह,स्नेह और प्रेम से संचारित है और यह मैत्री-प्रेम सबसे पवित्र और सबसे पावन है जो अज्ञानी जनों की समझ से सर्वथा दूर है !
मित्रता का पैमाना लिंग आधारित कभी नहीं होना चाहिए!स्त्री-स्त्री और पुरुष-पुरुष में जो मित्रता होती है वही स्त्री-पुरुष के बीच भी हो सकती है!
मित्रता दिवस के दिन अपने भूले-बिसरे मित्रों को याद करें जिनसे अकारण या व्यर्थ में विवाद हुआ और अपनी मित्रता के नये दौर की शुरुआत करें!
🌹🌹🌹
#mनिर्झरा
योरकोट के सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ💐💐💐
🌹🌹🌹 जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जहाँ भी हम किसी भी रूप में सक्रिय होते हैं,वहाँ हमारा विभिन्न व्यक्तियों से जाने-अनजाने,प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संबंध बनने लगता है और यह संबंध कई बार महज़ कार्य की औपचारिकता मात्र होता है या फिर औपचारिकता को पार कर अनौपचारिक भी होता है!दोस्ती या मित्रता एक ऐसा ही अनौपचारिक संबंध है जिसमें कोई दुराव-छिपाव नहीं होता!अक्सर जो बातें हम किसी से नहीं कह पाते वो मित्र से या दोस्त से सहज रूप में कह देते हैं!अब यह मित्र महिला है या पुरुष इससे मैत्री संबंध पर कोई असर नहीं पड़ता!
मित्रता की नींव आपसी विश्वास,आपसी समझ,तालमेल और सबसे बड़ी बात एक-दूसरे के मन को समझने के आधार पर टिकी है! 
जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते है,समस्याएँ आती हैं,विचारों का मतभेद भी उज़ागर होता है लेकिन मित्रता बाकी संबंधों की तुलना में एक ऐसा पवित्र बंधन है जो यथावत बना रहता है!नाराज़गी होती है तो दूर हो जाती है!विश्वास डगमगाता है कभी ग़लती से तो स्थिर भी ज़ल्दी हो जाता है!मन में दुविधा उत्पन्न होती है तो राह भी ज़ल्दी मिल जाती है!
वाकई मैत्री संबंध सर्वोपरि संबंध है जो नेह,स्नेह और प्रेम से संचारित है और यह मैत्री-प्रेम सबसे पवित्र और सबसे पावन है जो अज्ञानी जनों की समझ से सर्वथा दूर है !
मित्रता का पैमाना लिंग आधारित कभी नहीं होना चाहिए!स्त्री-स्त्री और पुरुष-पुरुष में जो मित्रता होती है वही स्त्री-पुरुष के बीच भी हो सकती है!
मित्रता दिवस के दिन अपने भूले-बिसरे मित्रों को याद करें जिनसे अकारण या व्यर्थ में विवाद हुआ और अपनी मित्रता के नये दौर की शुरुआत करें!
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