दिल भूला सकता नही उसको वो मुझको ऐसी बात सौंप गया। हमेशा लिखता रहूँगा गीत-गजलों की वो मुझको सौगात सौंप गया। उसकी यादें,बातें,मुलाकातें डायरी के पन्नो को महका रही। ये मस्तानी शाम उसकी अदाओं से मुझको बहका रही। जीने के लिए बहुत है ऐसी वो मुझको सुनहरी यादों की कायनात सौंप गया। हमेशा लिखता रहूँगा गीत-गजलों की वो मुझको सौगात सौंप गया। मेरी शायरी में सूरत दिखेगी शायद उनसे अब ऐसे मुलाकात होगी। मैं लिखूंगा वो गुनगुनाएंगें अब ऐसे इशारों से उनसे बात होगी। ना अब वो लौटकर आयेंगें मैं जा सकता नही ऐसे वो मुझको हालात सौंप गया। हमेशा लिखता रहूँगा गीत-गजलों की वो मुझको सौगात सौंप गया। उजाले उसे पसंद से अंधेरें मुझे शायद इसलिए ऐसी वो मुझको लम्बी रात सौंप गया। हमेशा लिखता रहूँगा गीत-गजलों की वो मुझको सौगात सौंप गया। जाने कैसी वो मुझको ये सौगात सौंप गया....💕