तू पास ना हो तो लफ्जों को सहारा बनाया है तेरे संग जो बीते लम्हे उन्हें अपनी दास्तानों में बेवजह दोहराया है मुद्दत-ए-इन्तज़ार और मुराद-ए-मोहब्बत बहुत खूब कर ली बस तुझसे मुलाक़ात का ना अभी तक कोई योग पाया है।। ©Alok krishya #मुराद #मोहब्बत