कैसी है ये धर पकड़,कैसी ये भागम भाग है? जला सके जो शौर्य तुम्हारा ,क्या इतनी तप्त ये आग है? मत घबरा,हो मत निराश, बस धैर्य उर में धर लेना। तज भय को तुम आगे बढ़ चुनौति खुद को देना।। ©Gajendra Gaur अज्ञानी गजेन्द्र