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राहे बदले या बदले वक़्त हम तो अपनी मंजिल पाएंगे जो

राहे बदले या बदले वक़्त हम तो अपनी मंजिल पाएंगे जो समझते हैं खुदको बादशाह एक दिन उसे अपने दरबार में जरूर नचाएंगे

©Ishtiyak Ahamad
  एट्टीट्यूड शायरी मैन

एट्टीट्यूड शायरी मैन #Love

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