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White मंजिल को अगर पाना है तो कदम हौसलों के साथ बढ

White मंजिल को अगर पाना है तो
कदम हौसलों के साथ बढ़ाना है ।
हर एक मुश्किल भरे राहों 
से होकर गुजर जाना है ।

कांटों की दीवारें होंगी ,अक्सर
पत्थर ठोकरें देंगी 
रास्तों की चुनौतियों को
हंस कर पार कर जाना है ।

विकट परिस्थितियां आएंगी जरूर
विपरीत हालात भी होंगे
मगर हौसलों को रख बुलंदियों पे
तुम्हे कुछ कर गुजर जाना है ।

मंजिल को पाना है अगर तो
कदम हौसलों के साथ बढ़ाना है ।

न पूछता है जमाने में भला
कोई भी बिखर जाने पर
तुम्हें बिखर के भी संवर के जिंदगी 
में हमेसा आगे बढ़ते रहना है।

संवर जाए ये जिंदगी तो
मिलेंगी काफ़ी हसीनाएं तुम्हें 
न पूछता ये जहां कभी जो
न तुम बन पाए अगर कहीं
उड़ानों को ऊंची कर चट्टानों
को चीर कर आना है ।

अपने हौसलों से अपनी मंजिल
को भेद कर निकल जाना है ।

©Gaurav Prateek
  #हौसलों_की_उड़ान 
#पहचान_खुद_की_खुद_से_और_ 
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