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तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ? लगा था दू

तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ?
लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं ।

भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर,
बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं ।

बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे,
न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं ।

कुरेदों मत पुराने इन जख्म को अब जियादा तुम,
अभी आगाज हैं ऐसा न हो ये फिर उभर जाएं ।

बुरे लगने लगेंगे हम तुम्हारी ही तरह सब को,
जियादा हर किसी के घर अगर हम भी ठहर जाएं ।

रहेगा कौन अब इस गांव में मुझको बताओ तुम ?
अगर पढ़ने , कमाने के लिये हम सब शहर जाएं ।

मुझे ख्वाहिश नही की सब कहें गजलें मिरी जाना,
लिखूँ मिसरें कभी कुछ ऐसे जो सब में उतर जाएं । तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ?
लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं ।

भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर,
बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं ।

बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे,
न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं ।
तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ?
लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं ।

भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर,
बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं ।

बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे,
न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं ।

कुरेदों मत पुराने इन जख्म को अब जियादा तुम,
अभी आगाज हैं ऐसा न हो ये फिर उभर जाएं ।

बुरे लगने लगेंगे हम तुम्हारी ही तरह सब को,
जियादा हर किसी के घर अगर हम भी ठहर जाएं ।

रहेगा कौन अब इस गांव में मुझको बताओ तुम ?
अगर पढ़ने , कमाने के लिये हम सब शहर जाएं ।

मुझे ख्वाहिश नही की सब कहें गजलें मिरी जाना,
लिखूँ मिसरें कभी कुछ ऐसे जो सब में उतर जाएं । तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ?
लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं ।

भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर,
बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं ।

बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे,
न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं ।
ashujaiswal5744

Ashu Jaiswal

Growing Creator

तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ? लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं । भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर, बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं । बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे, न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं । #Shayari