तिरे है इश्क के मारे बताओ हम किधर जाएं ?
लगा था दूर जा कर तुमसे हम शायद सुधर जाएं ।
भले हो बात रोजाना बिछड़ने की हमारी पर,
बिछड़ने का कभी दिन आये तो दोनों मुकर जाएं ।
बहुत मुश्किल से हैं ये अब जुड़े टूटे हुए धागे,
न दो तुम गाँठ पर यूँ जोर की दोनों बिखर जाएं । #Shayari