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ग़मों का है आखिर तलबगार कौन नहीं हर कोई रखता है नर

ग़मों का है आखिर
तलबगार कौन
नहीं हर कोई रखता है
नरमदिली ऐसी
दबा लो मन में ही
बेहतर है मौन

©Reema K Arora #dilkibaat #chuprehna 
#completethequote
ग़मों का है आखिर
तलबगार कौन
नहीं हर कोई रखता है
नरमदिली ऐसी
दबा लो मन में ही
बेहतर है मौन

©Reema K Arora #dilkibaat #chuprehna 
#completethequote