नयनों में उगना चाँद! रात के रजत स्वप्न उजियारे से प्रियतम! जीवन के उजास मानक तुम नेहिल प्यारे से... दीप धरे अँखियाँ उन्मादिनी उगना नदी किनारे पे मन में दीपित हो प्रकाश! तुम प्राणपुंज रखवारे से देहरी पर ये सांध्य दीप भाषित हैं सजग प्रतीक्षामय मीत प्रणीत चले आना उमगित पुलकित उर अंतर में मन में खिलना चाँद! राग मधुवलित श्वाँस की सरगम पे #toyou#yqfestivity#yqlove#ilovemoon#moonlight#deepawali