यार तुम सच को छुपाना छोड़ दो, झूठ का ये मुस्कुराना छोड़ दो, भूलना है भूल जाओ सब अभी भूलकर फिर याद लाना छोड़ दो, आये रोना रोओ जोरो से बहुत आँख भर के मुँह छुपाना छोड़ दो, जिंदगी लम्बी बहुत है आपकी कम उम्र में दिल लगाना छोड़ दो, खाओ खेलों खुश रहों जलसा करो शायरी अब गुनगुनाना छोड़ दो, प्रेम करलो आपकी ही जिस्त से गैर से चाहत निभाना छोड़ दो, वो कहाँ है हम कहाँ देखो जरा आसमा पर हक जमाना छोड़ दो, गा सको तो सुर सवारों गीत के ग़र नही तो ये तराना छोड़ दो, और कब तक आँख में रख पाओगी ख़्वाब में तारे सजाना छोड़ दो और सुरभि तुम नहीं काबिल यहाँ इश्क में गोते लगाना छोड़ दो!! #सुरभि..✍️