"जैसे तिल में तेल है, ज्यों चकमक में आग | तेरा साईं तुझ में है, तू जाग सके तो जाग ||" ✓[इससे कबीर जी कहना चाहते है कि जैसे तिल के अंदर तेल और पत्थर के अंदर आग है पर वो बिना परिश्रम और मेहनत प्राप्त नही हो सकती वैसे ही ईश्वर मनुष्य के अंदर ही है और उसको हासिल करने के लिए हमको अपनी अंतरात्मा को जगाना होगा।।] ©Adv Sakshi Nimbriya One of my favourite SantKabir vanni (doha) #Nojoto #कबीर #कबीर_वाणी #KabirJayanti