यूं तो मुझसे #आजकल नहीं होती गजल तेरे बिना #मुकम्मल नहीं होती जरूरी नहीं हर बार उसे छोड़ दिया जाए #सराफत हर मर्ज का #हल नहीं होती लोग कहते हैं मुझे क्या #मुहब्बत है किसी से अमा क्या मुहब्बत के बगैर गजल नहीं होती