बेटी.... बहुत कुछ है बताने को पर बता नहीं पाती बहुत कुछ है करने को पर कर नहीं पाती जीवन मिला बेटी का इसलिए बेटियां कुछ बोल नहीं पाती। सपनों को पूरा करना है पर कर नहीं पाती समाज के डर से बेटी जी नहीं पाते जीवन मिला बेटी का इसलिए बेटियां कुछ बोल नहीं पाती। खुल कर जीना बेटी सीख नहीं पाती अपनी आवाज को समाज में उठा नहीं पाती जीवन मिला बेटी का इसलिए बेटियां कुछ बोल नहीं पाती। आजाद पक्षी की तरह उठ नहीं पाती समाज नीचा दिखाता है इसलिए उठ नहीं पाती जीवन मिला बेटी का इसलिए बेटियां कुछ बोल नहीं पाती। बेटी भगवान का रूप है। यह बेटी को इज्जत ना देने वाले क्या जाने। बेटी कुछ भी कर सकती है। यह जिनकी बेटी नहीं है वह अभागा क्या जाने। ✍️✍️ नितिका नेगी बेटी जी नहीं पाती है।