जमाना ही लिख दिया, जमाने के हक में खजाना ही कर दिया, खर्चो के हक में जवानी रही खिचडते-खिचडते मकान भी गया, अब बीवी के हक में पिताजी चले गये संभलते-संभलते मां ही रही बस अब मेरे हक में डगर पर रहा जब, कदम थे भटकते मिले थे हजारो, ना कोई था हक मे कुछ हाथो को देखा था, खंजर थे सबके काटे थे धागे, जो भी थे हक में यहां सच भी रहा, झूठ के हक में अब मैं ही रहा ना, अब मेरे हक में जमाना ही लिख दिया, जमाने के हक में अब मैं ही रहा ना, अब मेरे हक में situation_teller #Light #situationteller #shubhamtyagi #nojoto #Hindi #trendingshayari #shubhamtyagiquotes #Nojotochallenge