"लता मेघ आये री"
घन घनघोर बन श्यामा के चितचोर,
पाहुन बन आये , धूम मची चहुँओर,
संग सुभाय सृलज्ज बदली वो लाये,
घटा हिय से मधुर -मधुर सी मुस्काय,
दर्पण निरखे , सोलह श्रृंगार सजाये,
पिव संग जाने को मनमुदित हो जाये, #yqbaba#कविता#yqdidi#बारिश#हिंदीसाहित्य#वर्षा_ऋतु#Nishakamwal