**मानव का वज़ूद** जिंदा वो नहीं जिनमें साँसे हैं जिन्दा वो हैं जिनके वज़ूद में इंसानियत है देख वो नहीं रहे जिनके पास आँखे हैं देख वो रहे हैं जिनकी आँखों में सच जिंदा है सुन वो नहीं रहें हैं जिनके पास कान हैं सुन तो वो ही रहें हैं जिनमें होश उम्दा है बोल वो नहीं रहे जिनके पास मुख है बोल तो वो सकते हैं जिनमें बोध चुनिंदा है अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त) 🌱 ©Abhimanyu Dwivedi manavta