नहीं मलाल, क्यूँ देखे वो सपने ! उज्ज्वल थे क़ुछ, खैराती, क़ुछ अपने । क़ोशिशे जी भरकी, बिक्री बेमिसाल,Nidhi किस्मत, सर आँखों पर, कुबुल हर सौग़ात । #उज्जवल #nanhikalam