हर कोई समझता नही उसे सब के समझ से बाहर है वो, एक पहेली की तरह उलझी हुई है वो, सहने में उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता मगर गुस्सा आया तो केहर उठाए वो, इस दुनिया की अमूल्य कारीगरी है वो, चाहे तो सब कुछ सवार दे ना चाहे तो वीनास की भी सीढ़ी है वो... ©Lili Dey Womens Day