जाने जिगर मैं नासमझ नादान परवाना तेरे दिल के जज्बातों से दिल से जुड़ गया हूं तू यूं समझ इन अंगारों में धुआं बन उड़ गया हूं ©Harish Goutam # #PoetInYou Amit Saini