की कोई जगह बची नहीं है मेरे जिस्म पर ज़ख्म खाने को, इससे ज़्यादा तू मुझे लहुलुहान कर नहीं सकता, मेरे महल शीशे के कबका टूट कर बिखर चुके है, तू चाह कर भी अब पथर से वार कर नहीं सकता। मेरे जो वो ख्वाब है तैरते है आस्मा के पानी मै, के ए हवा तू लेहर बनकर उन्हें दर किनार कर नहीं सकता, इस दिल के बिखरे टुकड़ों को समेठना तुझको ही है, के इख्तियार तेरी यहां अब कोई और मदत कर नहीं सकता। #Ripple #nojotoslot #nojoto #gazalkatukda #andekha