नासमझ दिल न जाने क्यों सच की जिद़ पे अड़ा था दुनिया को तो रोज़ झूठ के नये फ़साने चाहिये बेवजह ही ख़ुश हैं उन बातों पर लोग जिन बातों पर शायद उन्हें आंसू बहाने चाहिये... बहुत सी बातें जो ज़ाहिर में हँसने की लगती हैं, सत्यता में हँसने की नहीं होतीं। #हँसनेकीबातनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi