अब बारिश का मौसम भी सुहाना ना रहा.. कोई कवि भी अब गावों पर दीवाना ना रहा.. अब कहां लिखे जाते है गीत गजले गावों पर शहरी चमक के आगे प्राकृतिक गावों का ठिकाना ना रहा... #गांव_की_यादें #गांवकीबातें #गांव_की_गलियां