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मैंने शायद कभी कुछ इतनी शिदत से कोई चाहत ना की पर

मैंने शायद कभी कुछ इतनी शिदत से कोई चाहत ना की 
पर आज चाहती हूँ
खुदा से कभी इतनी गुज़ारिश नहीं की
पर आज करती हूँ।
कुछ शिकायतें हैं तुमसे , पहले कभी नहीं की
जो बाते चुभ रहीं थी, आज बता रही हू।
प्यार करती थी तुमसे , पर दोस्ती का हाथ बड़ाया था
हमसफर का हाथ समझ कर  , तुमने इसे नकारा था।
कुछ ख्वाब देखे थे मैंने , सपनें मेरे भी थे
Valentine's day नहीं मनाना था , Friendship day साथ बिताना था।
तुमको मैं बेवजह समझने लगी
पर तुम मुझे अभी न समझ पाए
बहुत तारीफ़े, ख़ूबी और वादे किए थे
फिर क्यों वो मुझे झूठे लगे?
ऐसा क्या किया मैंने , की तुम्हें मेरे जज़्बात की कद्र होने लगी
पता नहीं वक्त का ये कैसा खेल , वो कद्र भी मुझें झूठी लगने लगी।
माफ़ करना मुझे अगर कुछ ग़लत कहा 
फ़िर भी मैं पूछुंगी तुमसे , ऐसा क्या ग़ुनाह किया
झूठा–सच्चा सब आँखों मे सब धुँधला सी गई ॥




 #mystorymywords#INSPIRED_BY_LIFE
मैंने शायद कभी कुछ इतनी शिदत से कोई चाहत ना की 
पर आज चाहती हूँ
खुदा से कभी इतनी गुज़ारिश नहीं की
पर आज करती हूँ।
कुछ शिकायतें हैं तुमसे , पहले कभी नहीं की
जो बाते चुभ रहीं थी, आज बता रही हू।
प्यार करती थी तुमसे , पर दोस्ती का हाथ बड़ाया था
हमसफर का हाथ समझ कर  , तुमने इसे नकारा था।
कुछ ख्वाब देखे थे मैंने , सपनें मेरे भी थे
Valentine's day नहीं मनाना था , Friendship day साथ बिताना था।
तुमको मैं बेवजह समझने लगी
पर तुम मुझे अभी न समझ पाए
बहुत तारीफ़े, ख़ूबी और वादे किए थे
फिर क्यों वो मुझे झूठे लगे?
ऐसा क्या किया मैंने , की तुम्हें मेरे जज़्बात की कद्र होने लगी
पता नहीं वक्त का ये कैसा खेल , वो कद्र भी मुझें झूठी लगने लगी।
माफ़ करना मुझे अगर कुछ ग़लत कहा 
फ़िर भी मैं पूछुंगी तुमसे , ऐसा क्या ग़ुनाह किया
झूठा–सच्चा सब आँखों मे सब धुँधला सी गई ॥




 #mystorymywords#INSPIRED_BY_LIFE