ख़्वाब, ख़्वाहिश और खंजर इंसान की इंसानियत के अपराधी हैं; जब इनका जोर चलता है तब इंसान अपने दायरे से बाहर आ जाता है। ©uvsays #uvsays-1108 #JusticeForNikitaTomar