कभी यादें कभी तन्हा शाम आए मेरी हर आह पर तेरा नाम आए कितनी भी देखी हों परेशानियाँ मंजिल पर सरलता का नाम आए एक सवाल मुझे ये सताता है कि क्यों दिल में तू जुबां पर जाम आए आया और रोने को यादें दे गया इश्क़ अब मेरे किस काम आए तुझसे मिलकर ये दिल महकता है जैसे शहर के बाद गाँव आए पुरानी यादें