ज़रा आँखों को नम रखना, गुस्से पे अपने पूरा संयम रखना, लफ़्ज़ों को अपने जैसे मरहम रखना, दिल को अपने थोड़ा नर्म रखना, जरूरतमंदों के लिए अपने कर्म रखना, ज़िन्दगी में सपने थोड़े कम रखना, लबों पे हंसी अपने हरदम रखना, जरूरतों को अपनी मद्धम रखना, बीती यादों का न गम रखना, आने वाले कल का न भ्रम रखना, जीत में उन्माद नहीं, हार में अवसाद नहीं, हर दौर में खुद को बस सम रखना|| सुप्रभात। जिन आँखों में पानी होता है, उन आँखों में जीवन होता है। गीता आधार है इस कविता का और आज की माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के भाषण से उठाए गए हैं दो वाक्य "जीत का उन्माद नहीं, हार का अवसाद नहीं,| #आँखेंनमरख #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine