चलो दुनियाँ झूठी ही सही तो हम भी कहाँ सच्चे हैं एक शाम तुम्हारे बिना गुज़ार नही पाते और ज़िंदगी गुज़ारने की बात करते हैं।। - क्रांति #तुम्हारे_बिना