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तुम्हें देखने के बाद, मुझे हर तरफ धुआँ - धुआँ सा न

तुम्हें देखने के बाद, मुझे हर तरफ धुआँ - धुआँ सा नजर आता है।
दिन मे चाँद और रात में  सूरज नजर आता है।।
साथ - साथ चलने से, मेरी आदत कुछ खराब सी हो गयी है।
झकली - वकली, जानू - वानू कहा और कही भी निकल आये कुछ भी समझ मे नही आता है ।।
Writing by-UTTAM MISHRA.......... According to me
तुम्हें देखने के बाद, मुझे हर तरफ धुआँ - धुआँ सा नजर आता है।
दिन मे चाँद और रात में  सूरज नजर आता है।।
साथ - साथ चलने से, मेरी आदत कुछ खराब सी हो गयी है।
झकली - वकली, जानू - वानू कहा और कही भी निकल आये कुछ भी समझ मे नही आता है ।।
Writing by-UTTAM MISHRA.......... According to me
uttammishra4508

Uttam mishra

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