अच्छा सुनो तुम जा रहे हो ना ,थोड़ा ठहरो कुछ भेजना है तुम्हारे साथ ज्यादा कुछ खास नही है, ना ही भारी है पूरा यकीन है आसानी से ले जाओगे एक संदूक है अपनी यादों की कुछ फोटो फ्रेम है दोनों के साथ के चादर है जिसपे अब भी तुम्हारी सलवटे है मेरा हाथ है जिसे तकिया समझ तुम सिर रखती थी तुम्हारा दिया हुआ शर्ट है जिसे संभाल कर रखा है कुछ भावनाएं है जो अंदर तक घर कर गयी हैं छोटे मोटे से वादे है जो पूरे ना कर सके हम कुछ उम्मीदें है जो रोज दम तोड़ती रहती हैं दो आंखे है जो पथराई सी इंतजार में रहती है कागज है कच्चे से बिल्कुल तुम्हारी मासूमियत जैसे एक क़लम है जिससे मैं ये सब लिख रहा हूं जुबां है जो तुझे कभी बददुआ नही दे सकती फूटी किस्मत है जो तुझे मेरा अब कर नही सकती । कुछ भेजना हैं । #yaadein #yqbaba #yqdidi #kuch #baaki