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अपनी हस्ती जिस वक़्त सौंप रहा था उसको मसीहा समझ के

अपनी हस्ती जिस वक़्त सौंप रहा था उसको मसीहा समझ के मैं
ख़बर न थी कि मोल दे के बरबादियों का ज़खीरा ख़रीद रहा हूँ मैं Musings - 19/5/19
अपनी हस्ती जिस वक़्त सौंप रहा था उसको मसीहा समझ के मैं
ख़बर न थी कि मोल दे के बरबादियों का ज़खीरा ख़रीद रहा हूँ मैं Musings - 19/5/19