Nojoto: Largest Storytelling Platform

दरारों से झांकती है बेसब्री, भूख मन की कैसे मिटेगी

दरारों से झांकती है बेसब्री, भूख मन की कैसे मिटेगी,
नैनों से लरजती है खामोशी, हया हिज्र कैसी हटेगी,
रोज रौंदते है ख्वाहिशों को, जरूरत पूरी नहीं होती है,
मर मर कर जिंदा है मन, जिंदगी आसान नहीं होती है।

पहचान किस से है मेरी, क्या अंतर पड़ता है,
एक मीठी सी चोट है, जहन के अंदर पड़ता है,
पर परवाह करता है मन, खुद की मराफत नही होती है,
मरम्मत जारी है निरंतर, जिंदगी आसान नहीं होती है।

सुराख से सजी आंचल है, लगी पेवन है खुशियों में,
मन में चोर बैठा है अब, चरित्र पर भी चढ़ी लेवन है,
हौसलों के स्याह से पड़ी, दाग सफेद नही होती है,
परतों पर परत पड़े है, जिंदगी आसान नहीं होती है।

तुम हाथ दो तो थाम लेंगे, पर छुड़ाना तेरी फितरत है,
मेरे नसीब में बस वो ही नहीं, कैसी मेरी किस्मत है,
धोखे का लिबास पहन भी लूं, पर हिम्मत नही होती है,
चुप सब सह लेता हूं, जिंदगी आसान नहीं होती है। शुभरात्रि लेखकों।😊 

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 

हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳
दरारों से झांकती है बेसब्री, भूख मन की कैसे मिटेगी,
नैनों से लरजती है खामोशी, हया हिज्र कैसी हटेगी,
रोज रौंदते है ख्वाहिशों को, जरूरत पूरी नहीं होती है,
मर मर कर जिंदा है मन, जिंदगी आसान नहीं होती है।

पहचान किस से है मेरी, क्या अंतर पड़ता है,
एक मीठी सी चोट है, जहन के अंदर पड़ता है,
पर परवाह करता है मन, खुद की मराफत नही होती है,
मरम्मत जारी है निरंतर, जिंदगी आसान नहीं होती है।

सुराख से सजी आंचल है, लगी पेवन है खुशियों में,
मन में चोर बैठा है अब, चरित्र पर भी चढ़ी लेवन है,
हौसलों के स्याह से पड़ी, दाग सफेद नही होती है,
परतों पर परत पड़े है, जिंदगी आसान नहीं होती है।

तुम हाथ दो तो थाम लेंगे, पर छुड़ाना तेरी फितरत है,
मेरे नसीब में बस वो ही नहीं, कैसी मेरी किस्मत है,
धोखे का लिबास पहन भी लूं, पर हिम्मत नही होती है,
चुप सब सह लेता हूं, जिंदगी आसान नहीं होती है। शुभरात्रि लेखकों।😊 

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 

हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳
sbhaskar7100

S. Bhaskar

New Creator