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Meri Diary #Vs❤❤ हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अ

Meri Diary #Vs❤❤
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है....
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। ' 'उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो....।
                     -स्वामी विवेकानंद जी
श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया...।
ऐसे महान पुरुष का मैं ह्रदय से वंदन करता हूँ...
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
Vibhor vashishtha vs  #YourQuoteAndMine
Collaborating with ✍ Rahul Sahu
Meri Diary #Vs❤❤
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है....
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। ' 'उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो....।
                     -स्वामी विवेकानंद जी
श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया...।
ऐसे महान पुरुष का मैं ह्रदय से वंदन करता हूँ...
Meri Diary #Vs❤❤
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है....
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। ' 'उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो....।
                     -स्वामी विवेकानंद जी
श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया...।
ऐसे महान पुरुष का मैं ह्रदय से वंदन करता हूँ...
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Vibhor vashishtha vs  #YourQuoteAndMine
Collaborating with ✍ Rahul Sahu
Meri Diary #Vs❤❤
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है....
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। ' 'उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो....।
                     -स्वामी विवेकानंद जी
श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया...।
ऐसे महान पुरुष का मैं ह्रदय से वंदन करता हूँ...

#YourQuoteAndMine Collaborating with ✍ Rahul Sahu Meri Diary Vs❤❤ हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है.... उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। ' 'उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो....। -स्वामी विवेकानंद जी श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया...। ऐसे महान पुरुष का मैं ह्रदय से वंदन करता हूँ... #vs❤❤