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दोस्ती क्या है?? Read caption...!! ©Priyanshu k

दोस्ती क्या है?? 

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©Priyanshu kashyap पता है दोस्ती की सबसे खास बात क्या है, हम किसी भी रिश्ते की गहराई, मिठास या मजबूती आदि भाव को अगर एक शब्द देना चाहते हैं न तो वो है "दोस्ती" अब आप सोच रहे होंगे ये कैसे संभव है तो आपने यह सारे वाक्य तो कई बार सुना होगा "मैं और मेरी माँ दोस्त की तरह रहते हैं" "मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है" "माई बेस्ट फ्रेंड इस माई पापा" "मेरी बहन मेरी दोस्त जैसी है" इन तमाम खून के रिश्तों में भी खूबसूरती को बयाँ करना चाहते हैं तो दोस्ती से करते हैं।
   हर बंधनों से मुक्त, मज़हबों से ऊपर, तमाम ऊंच नीच से परे जब केवल मन का संबंध मन से जुड़ता है तब दोस्ती होती है, और बिना किसी शर्त और मांग के विश्वास मौजूद रहता है। दो लोगों के बीच का एक ऐसा समर्पित रिश्ता जो मुश्किल हालात में ईश्वर से भी पहले याद आता है, दोस्ती सच्ची हो तो आपका हाथ थामे आपका दोस्त जरूर खड़ा होगा। फिर चाहे वो कॉलेज में महीना ख़त्म होने से पहले पॉकेट मनी ख़त्म हो जाए या फिर पहली तारीख से पहले सैलरी यहाँ तक के कोई इश्क़ हमें गम के किसी अग्नि सागर में डुबो दे, तब वियोग की आग भी दोस्ती के कोमल छुअन से शांत हो जाती है। 
 दोस्ती का विपरीतार्थक दुश्मनी होती है जो धोखे से उपजती है। इसलिए मित्रता में धोखे के लिए कोई स्थान ही नहीं होना चाहिए। सच्चे और अच्छे मित्र एक दूसरे का कितना भी परिहास कर लें मगर एक दूसरे का कभी बुरा नहीं सोचते दोस्ती में अहंकार की कोई भी संभावना नही है। इसलिए मित्रता में अहम का त्याग आवश्यक है। त्याग ही एक ऐसा गुण है जो दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करता है।
   
  अंत में मित्रता दिवस की अनंत बधाई देते हुए दोस्ती के लिए चंद पंक्तियाँ हैं, 
तुम नमक की तरह तुम्हारे बिन हर जायका बेकार है 
जीवन चाय है तो उसमें चीनी की तरह मेरे यार है 
सबकी अपनी मंजिल सबके अपने रास्ते हो गए
दोस्ती क्या है?? 

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©Priyanshu kashyap पता है दोस्ती की सबसे खास बात क्या है, हम किसी भी रिश्ते की गहराई, मिठास या मजबूती आदि भाव को अगर एक शब्द देना चाहते हैं न तो वो है "दोस्ती" अब आप सोच रहे होंगे ये कैसे संभव है तो आपने यह सारे वाक्य तो कई बार सुना होगा "मैं और मेरी माँ दोस्त की तरह रहते हैं" "मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है" "माई बेस्ट फ्रेंड इस माई पापा" "मेरी बहन मेरी दोस्त जैसी है" इन तमाम खून के रिश्तों में भी खूबसूरती को बयाँ करना चाहते हैं तो दोस्ती से करते हैं।
   हर बंधनों से मुक्त, मज़हबों से ऊपर, तमाम ऊंच नीच से परे जब केवल मन का संबंध मन से जुड़ता है तब दोस्ती होती है, और बिना किसी शर्त और मांग के विश्वास मौजूद रहता है। दो लोगों के बीच का एक ऐसा समर्पित रिश्ता जो मुश्किल हालात में ईश्वर से भी पहले याद आता है, दोस्ती सच्ची हो तो आपका हाथ थामे आपका दोस्त जरूर खड़ा होगा। फिर चाहे वो कॉलेज में महीना ख़त्म होने से पहले पॉकेट मनी ख़त्म हो जाए या फिर पहली तारीख से पहले सैलरी यहाँ तक के कोई इश्क़ हमें गम के किसी अग्नि सागर में डुबो दे, तब वियोग की आग भी दोस्ती के कोमल छुअन से शांत हो जाती है। 
 दोस्ती का विपरीतार्थक दुश्मनी होती है जो धोखे से उपजती है। इसलिए मित्रता में धोखे के लिए कोई स्थान ही नहीं होना चाहिए। सच्चे और अच्छे मित्र एक दूसरे का कितना भी परिहास कर लें मगर एक दूसरे का कभी बुरा नहीं सोचते दोस्ती में अहंकार की कोई भी संभावना नही है। इसलिए मित्रता में अहम का त्याग आवश्यक है। त्याग ही एक ऐसा गुण है जो दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करता है।
   
  अंत में मित्रता दिवस की अनंत बधाई देते हुए दोस्ती के लिए चंद पंक्तियाँ हैं, 
तुम नमक की तरह तुम्हारे बिन हर जायका बेकार है 
जीवन चाय है तो उसमें चीनी की तरह मेरे यार है 
सबकी अपनी मंजिल सबके अपने रास्ते हो गए