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किसान की जिंदगानी और मेरी जुबानी मैं जलूंगा तो मे

किसान की जिंदगानी और मेरी जुबानी

मैं जलूंगा तो मेरे घर का चूल्हा जलेगा,
बुझ गया जो मैं तो चूल्हा भी बुझेगा |
खाक होकर भी, मुझमे एक चिंगारी ऐसी रहेगी, 
हर नये चूल्हे की जरूरत अब ये चिंगारी रहेगी |
लाख के महलों में भी जिंदगी मुझसे पलेगी ,
शौक मेरे, खेत की लहलहाती फसलें रहेंगी |
गहने, गाड़ी और महल सब पेट तो भरते नहीं,
मेरी मेहनत इस धरा पर भूख से लड़ती रहेगी |
सोच कर देखो जरा मुझसे जब होगी सूनी धरा,
तब खुशी के साधनों संग जिंदगी छोटी लगेगी |
बच न पाओगे धरा पर जब जिंदगी रूठी लगेगी, 
याद कर कर के मुझे, जिंदगी तब खोनी पड़ेगी |
मेरी मेहनत की भी हिफाजत में एक बस आवाज देदो, 
भूख से सबको बचाने के लिए ये जंग मरते दम चलेगी |
हम किसानों की ये पहल जिंदगी की जंग में सामिल रहेगी| #किसानों की जिंदगानी मेरी जुबानी |
किसान की जिंदगानी और मेरी जुबानी

मैं जलूंगा तो मेरे घर का चूल्हा जलेगा,
बुझ गया जो मैं तो चूल्हा भी बुझेगा |
खाक होकर भी, मुझमे एक चिंगारी ऐसी रहेगी, 
हर नये चूल्हे की जरूरत अब ये चिंगारी रहेगी |
लाख के महलों में भी जिंदगी मुझसे पलेगी ,
शौक मेरे, खेत की लहलहाती फसलें रहेंगी |
गहने, गाड़ी और महल सब पेट तो भरते नहीं,
मेरी मेहनत इस धरा पर भूख से लड़ती रहेगी |
सोच कर देखो जरा मुझसे जब होगी सूनी धरा,
तब खुशी के साधनों संग जिंदगी छोटी लगेगी |
बच न पाओगे धरा पर जब जिंदगी रूठी लगेगी, 
याद कर कर के मुझे, जिंदगी तब खोनी पड़ेगी |
मेरी मेहनत की भी हिफाजत में एक बस आवाज देदो, 
भूख से सबको बचाने के लिए ये जंग मरते दम चलेगी |
हम किसानों की ये पहल जिंदगी की जंग में सामिल रहेगी| #किसानों की जिंदगानी मेरी जुबानी |