Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे किरदार को किसी ने महसूस कब किया ,बुरे लोगो की

मेरे किरदार को किसी ने महसूस कब किया
,बुरे लोगो की बदौलत,मुझको,बुरा समझ लेते है//१

हाय कत्ल उर्दू का किया गया इस नफरत से कि
अब लोग उर्दू को भी मुसलमा समझ लेते हैं//२

एक तबीब ने मेरे जिस्म को छूकर कहा,अजीब लाश है,जुंबिश
भी करती है,उफ्फ जिंदा जिस्म को लोग मुर्दा समझ लेते है//३

ये गुलशन खामोश है तेरी हिज्रत के ही दिन से,कि हरेक शजर पे,परिंदे भी,तेरे बाद न चहके,इसी बाबत इसे वीरा समझ लेते है//४

मैं सुखनवर हूँ नए ख्यालों की,मुझसे ज़रा सोच कर उलझना,लिख दूंगी मेरे सुखन में तुम्हारे लहज़ों की तल्खियां,मेरी
इसी फितरत से लोग मुझे बेबाक शमा समझ लेते है//५
Shama writesBebaak

©shama writes Bebaak #Findingoneself मेरे किरदार को किसी ने महसूस कब किया,बुरे लोगो की बदौलत मुझको बुरा समझ लेते है//१

हाय कत्ल उर्दू का किया गया इस नफरत से कि,अब लोग उर्दू को भी मुसलमा समझ लेते हैं//२

एक तबीब ने मेरे जिस्म को छूकर कहा,अजीब लाश है*जुंबिश भी करती है,उफ्फ जिंदा जिस्म को लोग मुर्दा समझ लेते है//३
*लहराता हुआ

ये गुलशन खामोश है तेरी*हिज्रत के ही दिन से,कि हरेक*शजर पे,परिंदे भी,तेरे बाद न चहके,इसी बाबत इसे वीरा समझ लेते है//४

#FindingOneself मेरे किरदार को किसी ने महसूस कब किया,बुरे लोगो की बदौलत मुझको बुरा समझ लेते है//१ हाय कत्ल उर्दू का किया गया इस नफरत से कि,अब लोग उर्दू को भी मुसलमा समझ लेते हैं//२ एक तबीब ने मेरे जिस्म को छूकर कहा,अजीब लाश है*जुंबिश भी करती है,उफ्फ जिंदा जिस्म को लोग मुर्दा समझ लेते है//३ *लहराता हुआ ये गुलशन खामोश है तेरी*हिज्रत के ही दिन से,कि हरेक*शजर पे,परिंदे भी,तेरे बाद न चहके,इसी बाबत इसे वीरा समझ लेते है//४ #nojotohindi #shamawritesBebaak

58,870 Views