#FindingOneself मेरे किरदार को किसी ने महसूस कब किया,बुरे लोगो की बदौलत मुझको बुरा समझ लेते है//१
हाय कत्ल उर्दू का किया गया इस नफरत से कि,अब लोग उर्दू को भी मुसलमा समझ लेते हैं//२
एक तबीब ने मेरे जिस्म को छूकर कहा,अजीब लाश है*जुंबिश भी करती है,उफ्फ जिंदा जिस्म को लोग मुर्दा समझ लेते है//३
*लहराता हुआ
ये गुलशन खामोश है तेरी*हिज्रत के ही दिन से,कि हरेक*शजर पे,परिंदे भी,तेरे बाद न चहके,इसी बाबत इसे वीरा समझ लेते है//४ #nojotohindi#shamawritesBebaak