कभी-कभी लगता है! ये वक्त ... ये वक्त फिर कुछ समझाने आया है, फिर एक नया सबक सिखाने आया है। एक नया इल्जाम लगाने आया है, मुझे अपनी ही नजरों में गिराने आया है। एक मुद्दत के बाद मुझे हंसाने आया है, या यह समझो फिर मुझे रुलाने आया है। ढूंढ रही हूं खुद को किसी और की तलाश में, लगता है यह मुझे फिर उस दौर से मिलवाने आया है। जख्मी परिंदा है, लाचार है आंखें, यह वक्त फिर से शिकारी बन, एक नया जाल बिछाने आया। मेरे घर वाले डरते हैं अब नुकसान से, देखो यह तो अब तबाही लाने आया है। ©Kajal Chouhan #Nojoto #shayri #Poetry #vayral #tirending #newpost #sadpost #KajalChouhan♥️ #Society #hartbroken